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अंधेर नगरी चौपट राजा, टके सेर भाजी टेक सेर खाजा
कोई कह रहा है की मात्र १ रूपये में पेट भर जाता है , तो कोई पांच, तो कोई दस रूपये में भरपेट भोजन मिलने की बात कर रहा है…. इन बयानों को ” अंधेर नगरी चौपट राजा, टके सेर भाजी टेक सेर खाजा ” की पंक्ति यथार्त करती है | आज जब इस मंहगाईके दौर में एक वक़्त की रोटी की जुगत करना एक असाध्य काम को साधने जैसा है तब कुछ जनप्रतिनिधियो का ऐसा बयान गरीबों की पेट पर लात मारने जैसा ही है | इंदिरा गाँधी जी ने देश से गरीबी हटाने का नारा दिया था लेकिन हमारी सत्तारूढ़ सरकार आकड़ों के मायाजाल से गरीबों को ही ख़तम करने में लगी हुई है | जो लोग संसद में बैठ कर सबसे अच्छा खाना खाते हैं वो भी सबसे कम दामों में उनके मुंह से ऐसी बात सोभा नहीं देती…. और अगर उनके इस बयान को सच मान भी लें तो अगर सब कुछ इतना ही सस्ता है तो ऐसे में फ़ूड सिक्यूरिटी बिल की क्या जरुरत है?? ऐसे में तो फ़ूड सिक्यूरिटी बिल चुनावी हत्कंडा मात्र है ….. और जैसी बंदरबांट मिड डे मील में हो रही है ये तो जग जाहिर है वैसी ही इसमें भी होगी इसमें कोई शक नहीं है….. और यदि सरकार को फ़ूड सिक्यूरिटी बिल की इतनी ही चिंता थी तो उसने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अनाज जनता में क्यूँ नहीं बांटा गया ? जबकि वो अनाज खुले में पड़ा- पड़ा खराब ही हो रहा था….. खैर अब जरा सरकारी आकड़ों पर नज़र डालते हैं –
अब आप सोच ही सकते हैं की इनकी कथनी और करनी में कितना अंतर है …… अब आपकी बारी है की अपने मत के प्रयोग से ऐसे बडबोले लोगों को जवाब दें……
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